बदरीनाथ जी की आरती , Badrinath Aarti in Hindi

श्री बदरीनाथ जी की आरती

जय जय श्री बदरीनाथ जयति योग-ध्यानी।। टेक।।

निर्गुण सगुण स्वरूप, मेघवर्ण अति अनूप,
सेवत चरण सुरभूप, ज्ञानी विज्ञानी।

जय जय।।

झलकत है शीश छत्र, छबि अनूप अति विचित्र,
वरनत पावन चरित्र सकुचत बरबानी।

जय जय।।

तिलक भाल अति विशाल, गले में मणि-मुक्त-माल,
प्रनतपाल अति दयाल, सेवक सुखदानी।

जय जय।।

कानन कुंडल ललाम, मूरति सुखमाकी धाम,
सुमिरत हो सिद्धि काम, कहत गुण बखानी।

जय जय।।

गावत गुण शंभु, शेष, इन्द्र, चन्द्र अरु दिनेश,
विनवत श्यामा जोरि जुगल पानी।

जय जय।।

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