सोमवार की आरती, Somvar Vrat Aarti in Hindi

सोमवार की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

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