श्री योगेश्र्वरी माता की आरती, Shri Yogeshwari Mata Aarti in Hindi

yogeshwari mata aarti in hindi

श्री योगेश्र्वरी माता की आरती

धन्य अंबापुर महिमा विचित्र।

पार्वती अवतार योगिनी क्षेत्र।

दंतासुर मर्दोनि केलें चरित्र।

सिद्धांचे स्थळ ते महा पवित्र।

जयदेवी जयदेवी जययोगेश्र्वरी।

महिमा न कळे तुझा वर्णिता थोरी।

जयदेवी जयदेवी॥

पतित पावन सर्व तीर्थ महाद्वारीं।

माया मोचन सकळ माया निवारी।

साधका सिद्धि वानेच्या तीरीं।

तेथील महिमा वर्णूं न शके वैखरी।

जयदेवी जयदेवी जययोगेश्र्वरी।

महिमा न कळे तुझा वर्णिता थोरी।

जयदेवी जयदेवी॥

सिद्ध लिंग स्थळ परम पावन।

नरसिंह क्षेत्र तेथें नृसिंह वदन।

मूळ पीठ रेणागिरी नांदे आपण।

संताचें माहेर गोदेवी स्थान।

जयदेवी जयदेवी जययोगेश्र्वरी।

महिमा न कळे तुझा वर्णिता थोरी।

जयदेवी जयदेवी॥

महा रुद्र जेथें भैरव अवतार।

काळभैरव त्याचा महिमा अपार।

नागझरी तीर्थ तीर्थांचें सार।

मार्जन करितां दोष होती संहार।

जयदेवी जयदेवी जययोगेश्र्वरी।

महिमा न कळे तुझा वर्णिता थोरी।

जयदेवी जयदेवी॥

अनंतरुप शक्ति तुज योग्य माते।

योगेश्र्वरी नाम त्रिभुवन विख्याते।

व्यापक सकळां देहीं अनंत गुण भरिते।

नीलकंठ ओवाळूं कैवल्य माते।

जयदेवी जयदेवी जययोगेश्र्वरी।

महिमा न कळे तुझा वर्णिता थोरी।

जयदेवी जयदेवी॥

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