दुर्गा कवच

दुर्गा कवच का पाठ हिंदी मे

 श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् ।

पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत संकटात् ॥ १॥

 अज्ञात्वा कवचं देवि दुर्गामंत्रं च यो जपेत् ।

स नाप्नोति फलं तस्य परं च नरकं व्रजेत् ॥ २॥

 उमादेवी शिरः पातु ललाटे शूलधारिणी ।

चक्षुषी खेचरी पातु कर्णौ चत्वरवासिनी ॥ ३॥

 सुगंधा नासिके पातु वदनं सर्वधारिणी ।

जिह्वां च चंडिकादेवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ॥ ४॥

 अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ।

हृदयं ललितादेवी उदरं सिंहवाहिनी ॥ ५॥

 कटिं भगवती देवी द्वावूरू विंध्यवासिनी ।

महाबला च जंघे द्वे पादौ भूतलवासिनी ॥ ६॥

 एवं स्थितासि देवि त्वं त्रैलोक्ये रक्षणात्मिका ।

रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे देवि नमोस्तुते ॥ ७॥

 ॥ इति दुर्गाकवचं संपूर्णम् ॥


दुर्गा कवच के लाभ

दुर्गा कवच का नियमित रूप से पाठ करने से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराईयों का अंत होता है और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते है।

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दुर्गा पूजन सामग्री

दुर्गा पूजा विधि

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